Posted: June 22, 2020
क्या आप यह जानते हैं कि दक्षिण विश्व में आयोजित मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस के विश्व सम्मेलनों से ठीक पहले लगातार तीन अवसरों पर विश्वव्यापी महामारियाँ आईं हैं?
2003 में जिम्बाब्वे में, सार्स के रूप में (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम), 2009 में, ए1एन1 के रूप में (स्वाइन फ्लू) महामारी आई।
और अब, अगले वर्ष निर्धारित विश्व सम्मेलन के आयोजनकर्ता अब तक की सबसे भयानक विश्वव्यापी महामारी, कोविड-19 का सामना कर रहे हैं।
इन तीनों आयोजनों में, किसी न किसी विश्वव्यापी महामारी का खतरा मण्डरा चुका है।
जिम्बाब्वे 2003
जिम्बाब्वे के बुलवायो में आयोजित सम्मेलन के दौरान अनेक गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
अमरीका के न्यूयार्क में वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए आक्रमण ने (11 सितम्बर 2001) हवाई यात्रा के प्रति अत्याधिक घबराहट उत्पन्न कर दिया था।
तेजी से किए गए भूमि पुर्नाबंटन के कारण जिम्बाब्वे राजनैतिक संकट का सामना कर रहा था। मंहगाई लगातार आसमान छूती जा रही थी। अधिकारिक दर पर मदों का विनियम विश्व सम्मेलन के आयोजन को संकट में डाल देता, क्योंकि इससे देश के अनेक व्यवसाय बन्द होते जा रहे थे।
और तभी सार्स महामारी आ गई, यह श्वास सम्बन्धी एक बीमारी थी जो फरवरी 2003 में सामने आई और शीघ्र ही दो दर्जन से भी अधिक देशों में तेजी से फैल गई।
एक वैकल्पिक योजना तैयार की गई कि दक्षिण अफ्रीका में सीमित लोगों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाए - इससे जिम्बाब्वे के अगुवे काफी नाराज हुए क्योंकि उनका यह दृढ़ विश्वास था कि अन्त में सब कुछ ठीक हो जाएगा।
और ऐसा हुआ भी।
इस आयोजन के कुछ दिनों पूर्व, प्रार्थना समिति ने प्रार्थना और उपवास का एक दिन निर्धारित किया। प्रार्थना के लिए एकत्रित लोगों से सम्मेलन स्थल ठसाठस भर गया, लोगों ने प्रार्थना किया कि सम्मेलन पर मण्डरा रहे सारे संकटों को पवित्र आत्मा दूर कर दे।
मेजबान ब्रदरन इन ख्राइस्ट चर्च के लिए यह सम्मेलन कितना सार्थक सिद्ध हुआ इसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता। यहाँ तक कि नगर के टैक्सी ड्रायवर और स्थानीय दुकानदार भी यह पूछा करते थेः “अगला सम्मेलन कब होगा?”
“दुखों और आनन्द में अपने वरदानों को बाँटना” से बेहतर मूल विषय इस सम्मेलन के लिए और दूसरा नहीं हो सकता था। इस सम्मेलन की सफलता एक आश्चर्यकर्म था।
पैरागुए 2009
पैरागुए में असुनसियन एमडब्ल्यूसी सम्मेलन के आरम्भ होने के लगभग तीन सप्ताह पूर्व, स्वास्थ मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने आयोजनकर्ताओं से मुलाकात करते हुए यह पूछा क्या इस सम्मेलन को कुछ महीनों बाद आयोजित किया जा सकता है। वे इस बात को लेकर चिन्तित थे कि स्वाइन फ्लू, जो उत्तर अमरीका में उत्पन्न हुआ था, सम्मेलन में आने वाले लोगों के द्वारा पैरागुए आ सकता है।
पैरागुए में यह शीत ॠतु का समय था, यह एक ऐसा मौसम था जब फ्लू अधिक तेजी से फैलता है। उन्हें भय था कि बाहर से आ कर यह वायरस स्पेनिश क्षेत्रों में फैल सकता है और पैरागुए के हजारों लोगों की मृत्यु हो सकती है।
हमने कहा, “नहीं, इसे स्थगित करना असम्भव है।”
उन्होंने पूछा, “क्या यह सम्भव होगा कि प्रत्येक व्यक्ति मास्क पहिना रहे?”
हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हम इस पर विचार करेंगे; किन्तु, अन्तिम समय में, पर्याप्त मास्क का प्रबन्ध कर पाना सम्भव नहीं था। हाथों को स्वच्छ करने के लिए सैनिटाइज़िग सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया, विशेष रूप से भोजन से पहले।
प्रारम्भिक आराधना के आरम्भ में ही, एक अगुवे ने उपस्थित लोगों से निवेदन किया कि वे गले मिलकर एक दूसरे का अभिवादन न करें - यह दक्षिण अमरीका में अभिवादन का बहुत ही सामान्य तरीका है। उपस्थित लोगों के मध्य एक हल्की सी खिलखिलाट दौड़ गई, मानों वे कह रहे होंः “व्यावहारिक बातें कीजिए, यह लैटिन अमरीका है।”
आयोजन के दौरान, सम्मेलन में भाग लेने आए कुछ लोगों को स्थानीय अस्पताल ले जाना पड़ा - परन्तु इस वायरस के कारण नहीं।
इस सम्मेलन की सफलता एक आश्चर्यकर्म था। हम “यीशु मसीह के मार्ग पर साथ साथ आ” सके।
इण्डोनेशिया 2021
अब इण्डोनेशिया में आयोजित किए जा रहे एमडब्लूसी विश्व सम्मेलन के आयोजनकर्ता सदी की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैंः कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी, और साथ ही साथ यह बढ़ती हुई धारणा कि हवाई यात्रा पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रही है। यह स्पष्ट है कि सम्मेलन के आयोजनकर्ता गम्भीरता से सोचविचार करने में लगे हुए हैं।
क्या हम एक और आश्चर्यकर्म को देखेंगे? क्या सम्मेलन निर्धारित तिथि पर ही आयोजित किया जा सकेगा और हमें उन हजारों लोगों के साथ एक आशीषित संगति का आनन्द उठाने का अवसर प्राप्त होगा जो इस सम्मेलन में आने की योजना बना रहे हैं? या फिर हम बिना अधिक कठिनाइयों के सम्मेलन की तिथि को आगे बढ़ा सकेंगे?
आइये प्रार्थना करें कि परमेश्वर इस विश्व सम्मेलन के लिए एक आश्चर्यकर्म दिखाएगा!
—रे ब्राउचर, एमडब्ल्यूसी सम्मेलन योजना प्रभारी 1999 से 2009 द्वारा जारी एमडब्यूसी विज्ञप्ति।
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