वैश्विक ऐनाबैपटिस्ट मसीहियों का

साझा विश्वास 
परमेश्वर के अनुग्रह से, हम यह प्रयास करते हैं कि यीशु मसीह में मेलमिलाप  के सुसमाचार के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करें और इसका प्रचार करें। सब समयों और सब स्थानों में मसीह की एक देह के अंग के रूप में, हम निम्नलिखित बातों को अपने  विश्वास व आचरण के केन्द्र के रूप में स्वीकार करते है: 

  1. परमेश्वर को हम पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के रूप में जानते हैं,वह सृष्टिकर्ता है जिसका लक्ष्य है कि पतित मानवता को फिर से अपनी संगति में स्थापित करें, और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह एक लोग बुलाता है कि वे संगति, आराधना, सेवा, और गवाही में विश्वासयोग्य बने रहें । 
  2. यीशु ही परमेश्वर का पुत्र है। उसके जीवन, उसकी शिक्षाओं, उसके क्रूस और उसके पुनरूत्थान के द्वारा  ̶  उसने हमें यह दिखाया है कि हम किस प्रकार से विश्वासयोग्य शिष्य बनें  ̶ उसने संसार को छुड़ाया  ̶  और अनन्तजीवन का प्रस्ताव देता है। 
  3. एक कलीसिया के रूप मे, हम ऐसे लोगों का एक समूह हैं जिन्हे परमेश्वर का आत्मा पाप से फिर जाने, यीशु मसीह का प्रभु के रूप में अंगीकार करने, विश्वास के अंगीकार पर बपतिस्मा लेने, और जीवन में मसीह का अनुसरण करने को बुलाता है । 
  4. विश्वास के एक समुदाय के रूप में, हम बाइबल को ही अपने विश्वास और आचरण का अधिकृत आधार मान कर स्वीकार करते है, आज्ञापालन के लिए परमेश्वर की इच्छा जानने हेतु हम इसकी व्याख्या साथ मिलकर पवित्र आत्मा की अनुवाई में, और यीशु मसीह के प्रकाश में करते हैं । 
  5. यीशु मसीह का आत्मा हमें सामर्थ प्रदान करता है कि हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में परमेश्वर पर भरोसा रखें ताकि हम मेल करवाने वाले बने जो हिंसा से दूर रहते हैं, अपने शत्रुओं से प्रेम रखें न्याय के लिए यत्न करें, और अपनी सम्पत्तियों को जरूरत मंदो के साथ बॉटें । 
  6. हम नियमित रूप से इकट्ठा होते हैं कि प्रभु की मेज में शामिल हों, और परमेश्वर के वचन को परस्पर जवाबदेही की आत्मा में हो कर सुनें । 
  7. विश्वास और आचरण की दृष्टि से एक विश्वव्यापी समुदाय के रूप में हम राष्ट्र, जाति, वर्ग, लिंग, और भाषा से ऊपर उठकर रहते हैं। हमारा प्रयास रहता है कि हम बुराई की शक्तियों से समझौत किए बिना संसार में जीवन व्यतीत करें, दूसरों की सेवा करने के द्वारा परमेश्वर की गवाही दें, सृष्टि का ध्यान रखें, और सब लोगों को न्यौता दें कि वे यीशु मसीह को उद्धारकर्ता और प्रभु के रूप में जानें। 

उपरोक्त बिन्दुओं को हमने 16वीं शताब्दी के ऐनाबैपटिस्ट पुर्वजों से हमें मिली प्रेरणा के आधार पर तैयार किया है, जिन्होंने यीशु मसीह के प्रति एक ऐसी शिष्यता को रूप दिया था जो आमूल परिवर्तनवादी है। हम यीशु मसीह के नाम से पवित्र आत्मा की सामर्थ से चलने का प्रयत्न करते हैं, और पूरे भरोसे के साथ मसीह के आगमन और परमेश्वर की राज्य की अन्तिम पूर्णता की बाट जोहते है । 

Red  
By Mennonite World Conference General Council 
Accepted March 15, 2006. 
मेनोनाइट वर्ल्ड कान्फ्रेंस जनरल कॉन्सिल द्वारा 
मार्च 15, 2006 को स्वीकार किया गया। 

Mennonite World Conference is a global community of Anabaptist related churches. We are called to be a fellowship (koinonia) of Anabaptist related churches, connected to each other as a worldwide community of faith for fellowship, worship, service, and witness. 
मेनोनाइट वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऐनाबैपटिस्ट सम्बन्धित कलीसियाओं का वैश्विक समुदाय है। हम ऐनाबैपटिस्ट संबंधित कलीसियाओं की एक सहभागिता  (कोइनोनिया) होने के लिए बुलाए गए हैं और संगति, आराधाना, सेवा, और गवाही के लिए विश्वास के विश्वव्यापी समुदायके रूप में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

वैश्विक ऐनाबैपटिस्ट मसीहियों का