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जबकि सारा विश्व कोविड-19 महामारी से निपटने का प्रयास कर रहा है, इण्डोनेशिया के मध्य जावा के कुदुस का मेनोनाइट समुदाय स्थानीय सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहा है कि कुदुस में कोविड-19 के जोखिम को घटा कर संक्रमण को काबू में लाया जा सके, इस शहर की जनसंख्या 80,000 से भी अधिक है।
मर्दि रहायू अस्पताल का निर्माण 1969 में गेरेजा क्रिस्टेन मुरिया इण्डोनेशिया (जीकेएमआई) की कुदुस मण्डली के द्वारा किया गया था, इससे पहले कलीसिया भवन की बगल में ही पाँच वर्षों तक इसे एक क्लिनिक के रूप में संचालित किया गया। इस अस्पताल में 20 मार्च 2020 से कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है।
प्रबन्ध निदेशक डॉ. पुजियांता कहते हैं, “अस्पताल में आइसोलेशन बेड जोड़ कर सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है, इनमें से चार में वेन्टिलेटर्स हैं। हमने हाथ धोने और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं, बाहरी लोगों द्वारा मरीजों से मुलाकात करने पर रोक लगा दिया है, कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है कि भवन में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जाँच किस प्रकार से की जाए और कोविड-19 के संदिग्ध और पक्के मामलों को किस तरह से सम्भाला जाए, साथ ही, संक्रमण के बचाव के उद्देश्य से ‘एक कक्ष में एक ही मरीज’ की नीति को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के लागू किया गया है।”
गेरेजा इन्जिलि तानाह जावा (जीआईटीजे) की सदस्या रिना रितानामि जो इस अस्पताल में कार्य करती है, कहती हैं, “यह हम सब के लिए शारीरिक और भावनात्मक रूप से परीक्षा का समय है। कोविड-19 बड़ी तेजी से फैलता है और हम यह सीख रहे हैं कि मरीजों को भर्ती करने से लेकर उनकी छुट्टी हो जाने तक उन्हें किस प्रकार सम्भालें। अक्सर काफी दिनों तक हम यह नहीं जान पाते कि किसी मरीज को वायरस है या नहीं।”
अस्पताल को व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरणों को लेकर भी काफी किफायत बरतना पड़ता है। एन 95 मास्क, जाँच के समय उपयोग में लाए जाने वाले दस्तानों और सुरक्षात्मक कपड़ों की आपूर्ति बेहद कम है। रिना रितानामि कहती हैं, “हम उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के आभारी हैं जिन्होंने हमारे लिए सुरक्षात्मक उपकरण, सैनेटाइजर्स, भोजन के पैकेट, या सराहना स्वरूप छोटे छोटे इनाम दिए हैं। हम जानते हैं कि हमारे भाई और बहन हमारे स्वास्थ और हमारी सुरक्षा के लिए भी प्रार्थना कर रहे हैं।”
आइसोलेशन होटल
जब मरीज अस्पताल में आते हैं तो वे नहीं जानते कि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं, साथ ही, वे लक्षणों और उनके सम्पर्क में आए लोगों का इतिहास बताने में झूठ बोलते हैं, अस्पताल और अस्पताल के कर्मचारी इसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रहे हैं। अस्पताल के सभी कर्मचारियों (1400) का वर्तमान में सार्स सीओवी2 एंटीबॉडिज़ के लिए रेपिड टेस्ट कराया जा रहा है। 3 मई 2020 तक, मर्दि रहायू के 13 कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी थी। शेष को उनके स्वेब टेस्ट परिणाम आने तक दो स्थानीय होटलों में क्वारनटीन किया जा रहा है। इनमें से एक होटल को एक मेनोनाइट सदस्य त्रिस सुयित्नो जीकेएमआई कुदुस सम्भाल रहे हैं।
वे बताते हैं, “होटल खाली है और बहुत से लोगों के लिए घर पर क्वारनटीन होना व्यावहारिक नहीं है। अपने होटल को क्वारनटीन के लिए उपलब्ध कर, प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त स्थान दिया जाता है, और उन्हें भोजन, इन्टरनेट कनेक्शन, या अपने घर के सदस्यों को उनसे संक्रमण फैलने की चिन्ता नहीं करना पड़ता।”
आरम्भ में, त्रिस सुयित्नो को चिन्ता थी कि उनके कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। पर वे कहते हैं, “परन्तु यह उचित नहीं है कि हम हाथ बांध कर पीछे हट जाएं और अपना स्थान उपलब्ध न कराए जबकि हमारे कर्मचारियों को काम की आवश्यकता है और सरकार को अस्पताल के अलावा क्वारनटीन सुविधाओं की अत्याधिक आवश्यकता है।”
इसके अतिरिक्त, कुदुस की मेनोनाइट कलीसियाएं ऐसे लोगों को भोजन के पैकेटों का वितरण कर रही हैं और कम कीमत पर भोजन सामग्रियाँ उपलब्ध करवा रही हैं जिनकी कोई आय या बचत न हो।
पुजियान्तो कहते हैं, “नगरीय प्रशासन, राज्य सरकार, सेवाभावी संस्थाएं, व्यवसायी और विश्वास का समुदाय एक साथ मिलकर इसकी व्यवस्था कर रहे हैं। मेडिकल और आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों के स्वास्थ के लिए, और संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के निर्देशों का नागरिकों द्वारा पालन किए जाने के लिए प्रार्थना करें।”
—मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस विज्ञप्ति