नई साझेदारी के माध्यम से ऐनाबैपटिस्ट धर्मविज्ञान/ शिक्षा को विश्व भर में पहुँचाना सम्भव हुआ

मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस और एएमबीएस के बीच “वरदानों को बाँटने” की साझेदारी आरम्भ

संसार भर के मेनोनाइट भाई बहन ऐनाबैपटिस्ट धर्मविज्ञान की शिक्षा, ऐनाबैपटिस्ट पहचान की स्थापना, और अगुवे तैयार करने हेतु ललायित हैं, परन्तु ऐनाबैपटिस्ट कॉलेज, यूनिवर्सिटी, या सेमनरी में प्रवेश प्राप्त कर पाना बहुत से देशों के मेनोनाइट लोगों के लिए सम्भव नहीं हो पाया है। इस आवश्यकता को पूरी करने के लिए एक नई साझेदारी को रूप दिया गया है।

मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस (एमडब्ल्यूसी) और ऐनाबैपटिस्ट मेनोनाइट बिब्लिकल सेमनरी (एएमबीएस), एल्खार्ट, इण्डियाना ने मिलकर एक नए राजीनामा पर हस्ताक्षर किया है जिसमें संसार भर के ऐनाबैपटिस्ट भाई बहनों को ऐनाबैपटिस्ट विश्वास पर आधारित धर्मविज्ञान और कलीसिया नेतृत्व से सम्बन्धित शिक्षा, क्रेडिट और नान क्रेडिट दोनों स्तर पर, देने की सहमति कायम की गई है। पासवान और कलीसियाई अगुवे अपने अपने देशों में ही रह कर बाइबल, धर्मविज्ञान, कलीसिया इतिहास, और सेवकाई जैसे विषयों पर आधारित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर सकेंगे।

एमडब्ल्यूसी और एएमबीएस के बीच में एक समझौता ज्ञापन तैयार किया गया है, जिसमें विस्तारपूर्वक सारी बातों को शामिल किया गया है, एमडब्ल्यूसी के जनरल सेक्रेटरी सीज़र गार्सिया के अनुसार यह 2003 में एमडब्लूसी की सदस्य कलीसियाओं के मध्य अपने अपने “वरदानों को बाँटने” की बुलाहट का एक प्रत्युत्तर है। एएमबीएस का स्वामित्व मेनोनाइट चर्च कनाडा और मेनोनाइट चर्च यूएसए के पास है, दोनों ही एमडब्ल्यूसी की सदस्य कलीसियाएं हैं, जैसा कि हम जानते हैं, कि एमडब्ल्यूसी “ऐनाबैपटिस्ट कलीसियाओं की एक सहभागिता है, जिसके द्वारा ऐनाबैपटिस्ट कलीसियाएं संगति, आराधना, सेवा, और गवाही के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक विश्वव्यापी समुदाय के रूप में आपस में जुड़ी हुईं हैं,” और जिसका आरम्भ 1925 में हुआ था।

सीज़र गार्सिया कहते हैं, “हम इस साझेदारी को एक ऐसी भेंट/वरदान के रूप में देख रहे हैं जो हमें मेनोनाइट चर्च कनाडा और मेनोनाइट चर्च यूएसए की ओर से मिला है ताकि विश्व भर की ऐनाबैपटिस्ट कलीसियाओं का सहयोग किया जा सके।”

तेजी से वृद्धि होने के कारण अगुवे तैयार करने की आवश्यकता

César García

यद्यपि अमरीका और कनाडा की सदस्य संख्या में गिरावट आ रही है, विश्व के अन्य भागों की अनेक ऐनाबैपटिस्ट-मेनोनाइट कलीसियाओं में सदस्यों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस वृद्धि के साथ साथ ऐसे अगुवों की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है जो ऐनाबैपटिस्ट विश्वास और धर्मविज्ञान को अच्छी तरह से जानते हों।

बुरकीना फासो के मेनोनाइट अगुवे सियाका त्रोआरे ने, ऐनाबैपटिस्ट साँग्स इन अफ्रीकन हार्ट्स, एमडब्ल्यूसी ग्लोबल मेनोनाइट हिस्ट्री वाल्यूम, (गुड बुक्स, 2006) में लिखा है, “मेनोनाइट मिशनों की सेवकाई के माध्यम से अस्तित्व में आई अनेक कलीसियाएं, अपनी स्थापना के पचास वर्ष बाद भी, यह नहीं जानती कि मेनोनाइट लोग कौन हैं या मसीही जगत में उनकी क्या विशेषता है।” सीज़र गार्सिया करते हैं, संसार भर में ऐनाबैपटिस्ट परिवार के बढ़ जाने के कारण इस आवश्यकता को पूरा करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

शिष्यता का प्रशिक्षण तथा सेवकाई के विशेष क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञ अगुवे तैयार करने के अवसर उत्पन्न करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए सीज़र गार्सिया ने कहा, “अब जबकि हमारी अधिकांश ऐनाबैपटिस्ट सदस्य कलीसियाएं, अमरीका और यूरोप से बाहर हैं, हमें प्रत्येक स्थान के अनुरुप ऐनाबैपटिस्ट शिक्षा विकसित करने की बड़ी आवश्यकता है।”

सीज़र गार्सिया ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से, लोकप्रिय सुसमाचारवादी, मूलभूतवादी, और करिशमावादी प्रचारक संसार भर की एमडब्ल्यूसी मण्डलियों में मसीही शिक्षा को प्रभावित कर रहे हैं।

“जब हम ऐनाबैपटिस्ट पहचान को खो देते हैं, तो बिना मंथन/चर्चा किए ही इन धर्मविज्ञानों/शिक्षाओं को हम सहजता से ग्रहण कर लेते हैं। और इससे विश्व सहभागिता में हमारे निर्णय, हमारी विश्वव्यापी कलीसिया की संरचना के सम्बन्ध में हमारे विचार, और अपनी कलीसियाओं में अगुवों के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन प्रभावित होता है। हम चाहते हैं कि हमारी कलीसियाएं दूसरी विचारधाराओं को आँख बन्द करके ग्रहण कर लेने की बजाए सूझ बूझ के साथ इनके साथ वार्तालापों में शामिल हो।”

कलीसिया की उन्नति के लिए वरदानों को एक साथ लाएं

एएमबीएस अगुवे संसार भर की कलीसियाओं के अगुवों के लिए ऐनाबैपटिस्ट शिक्षा के वरदान को उपलब्ध करवाने लिए कार्य कर रहे हैं – परिवेश के अनुरुप। 2017-18 में इसका आरम्भ हुआ, जब एएमबीएस अध्यक्षा सारा वेंगर शेंक ने ऐसे सेमनरी पाठ्यक्रमों और सर्टिफिकेट कार्यक्रमों को आरम्भ किया जिसके द्वारा विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दूर रहते हुए ही अध्ययन कर सकें।

सीज़र गार्सिया और सारा वेंगर शेंक – और फिर उनके बाद एएमबीएस के नए अध्यक्ष डेविड बोशार्ट – के मध्य ऐनाबैपटिस्ट पहचान को बल प्रदान करने के लिए साथ मिलकर कार्य करने के विषय पर हुई चर्चा के परिणामस्वरूप जनवरी 2020 को एक बैठक सम्पन्न हुई ताकि एक नई साझेदारी को औपचारिक रूप प्रदान किया जा सके। समझौता ज्ञापन को मार्च और अप्रेल में मेनोनाइट शिक्षा एजेंसी और मेनोनाइट चर्च इन कनाडा के कार्यकारिणी अधिकारियों, एमडब्ल्यूसी फेथ एण्ड लाइफ कमीशन के अगुवों और कार्यकारिणी समिति के सदस्यों, और एएमबीएस बोर्ड के निदेशकों के द्वारा स्वीकार किया गया।

समझौता ज्ञापन के प्रमुख बिन्दुओं के अनुसार, एमडब्ल्यूसी और एएमबीएस अपनी कलीसियाओं की सेवकाई को दृढ़ता प्रदान करने और ऐनाबैपटिस्ट संस्थाओं के रूप में अपनी समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। वे अपनी इस नई साझेदारी को कलीसिया और इसकी सेवकाइयों में उन्नति के लिए अपने अपने वरदानों को एक साथ लाने के एक उपाय के रूप में देखते हैं।

एमडब्ल्यूसी की ओर से साझेदारी को एमडब्ल्यूसी को मिले वरदानों के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों और सम्पर्कों का एक विस्तृत नेटवर्क, संवाद के माध्यम, और एक उत्तरदायी ढाँचा उपलब्ध कराया जा रहा है। एमडब्ल्यूसी अगुवे संसार भर से ऐसे प्राध्यापकों को चुनने में सहायता करेंगे जो एएमबीएस में वैश्विक दृष्टिकोणों से समय समय पर कक्षाएं लेंगे। वे सदस्य कलीसियाओं के मध्य भी पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देंगे।

एएमबीएस के पास ऐनाबैपटिस्ट दृष्टिकोण से कलीसियाई अगुवों को प्रक्षिशित करने का 70 वर्ष का अनुभव है, जिनमें बहुत से अन्तर्राष्ट्रीय छात्र भी शामिल हैं। एएमबीएस के मास्टर ऑफ डिविनिटी कनेक्ट दूरस्थ पाठ्यक्रम 2019 से आरम्भ होने के बाद से, प्राध्यापकों को ऑनलाइन शिक्षा देने का भी काफी अनुभव प्राप्त हो चुका है। सेमनरी शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा ऐसे पाठ्यक्रम और लाइब्ररी संसाधन तैयार किए जा रहे हैं जो विश्वव्यापी सन्दर्भो के अनुरूप हो।

डेविड बोर्शाट् आशा व्यक्त करते हुए कहते हैं कि इस साझेदारी के द्वारा एएमबीएस में शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार होगाः “हमारे शिक्षक ऐसे परिवेश में शिक्षा देंगे जहाँ कलीसिया इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अगुवे तैयार करने के संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं। इस प्रकार की कलीसियाओं और अगुवों के साथ काम करने से शिक्षा देने का स्तर ऊँचा उठेगा क्योंकि उन्हें अधिक वृहद क्षेत्र, विशेष रूप से, विश्व के शेष भाग का अनुभव प्राप्त होगा और वे विश्वव्यापी ऐनाबैपटिस्ट समुदाय के मर्म और लचीलेपन की समझ प्राप्त कर सकेंगे।”

साथ मिलकर सेवकाई करने के अवसर

David Boshart
David Boshart

2019 में, अपने पूर्णतः प्रथम ऑनलाइन मास्टर्स डिग्री कार्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया में – मास्टर्स ऑफ आर्ट्सः थियोलॉजी एण्ड ग्लोबल ऐनाबैपटिस्ज़म, 46 अनिवार्य घण्टे – एएमबीए ने मेसेरेटे क्रिस्टोस कॉलेज (एमकेसी) इथोपिया के साथ एक साझेदारी आरम्भ की, यह कॉलेज मेसेरेटे क्रिस्टोस चर्च (एमडब्ल्यूसी की एक सदस्य कलीसिया) का एक अंग है। 2019 से 20 में, इथोपिया में नौ एमकेसी स्नातकों ने इस डिग्री पाठ्यक्रम के कोहार्ट संस्करण के माध्यम से अध्ययन आरम्भ किया, जिसमें ऑनलाइन अध्यापन के साथ साथ एमकेसी परिसर में एएमबीएस के प्राध्यापकों द्वारा लघुकालीन कक्षाएं भी संचालित की गईं।

2019 में ही, सेमनरी के कार्यक्रम में विस्तार करते हुए दक्षिणपूर्व एशिया के एक समूह के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार किया गया। अगुवे तैयार करने के उद्देश्य से ढाई वर्ष का पत्राचार पाठ्यक्रम कलीसिया के ऐसे अगुवों के लिए है जिन्होंने औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं की है और जिन्हें ले अगुवों के रूप में सेवकाई की बुलाहट प्राप्त हुई है।

यद्यपि ये पाठ्यक्रम एमडब्ल्यूसी की सदस्य कलीसियाओं के सदस्यों के लिए भी खुले हैं, डेविड बोशार्ट का कहना है कि एमडब्ल्यूसी-एएमबीएस की साझेदारी के द्वारा सम्भव शिक्षा विकल्पों को अनेक रूप दिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मिशन और शिक्षण अगुवों ने इस विकल्प को “यथासम्भव खुला और लचीला” रखने के लिए काफी उत्साहित किया है।

परस्पर उन्नति के लिए वरदान

सीज़र गार्सिया और डेविड बोशार्ट् परस्पर उन्नति के लिए वरदानों के इस आदान प्रदान को लेकर काफी आशान्वित हैं।

सीज़र गार्सिया ने कहा, “शिक्षा के इन अवसरों के द्वारा वैश्विक कलीसिया में ऐसे नए अगुवे तैयार होंगे जिन्हें ऐनाबैपटिस्ट विश्वास के विषय में अच्छी जानकारी हो – साथ ही वे अपनी विशेषताओं से दूसरों को समृद्ध करने और दूसरों से भी सीखने की क्षमता विकसित करेंगे।”

डेविड बोशार्ट इस बात पर सहमति जताते हुए कहते हैं, “मेरा विचार है कि जबकि एएमबीएस संसार भर की शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर यह विचार करता है कि वर्तमान संसार में ऐनाबैपटिस्ट होने का अर्थ क्या है, इससे ऐनाबैपटिस्ट पहचान की एक अधिक एकीकृत और स्पष्ट समझ ही प्राप्त होगी।”

—ऐनाबैपटिस्ट मेनोनाइट बिब्लिकल सेमनरी और मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस की ओर से जॉन डेविड ठैकर, एन्नेट ब्रिल बर्ग स्ट्रेसर (एएमबीएस) और कार्ला ब्राऊन (एमडब्ल्यूसी) के द्वारा जारी संयुक्त विज्ञप्ति।

Click here for more information about AMBS’s global course offerings