अलफ्रेड न्यूफेल्ड फ्रीज़न

23 जुलाई 1955-24 जून 2020

मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस (एमडब्ल्यूसी) ने अलफ्रेड न्यूफेल्ड फ्रीज़न के रूप में, एक ऐसे विद्वान लेखक, धर्मज्ञानी, इतिहासकार और शिक्षक को खो दिया, जिन्होंने विश्व स्तर पर ऐनाबैपटिस्ट धर्मविज्ञान को दिशा प्रदान किया। 24 जून 2020 को म्युनस्टर, जर्मनी में लिवर कैंसर और किडनी की बीमारी के इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

एमडब्ल्यूसी जनरल सेक्रटरी सीज़र गार्सिया कहते हैं, “अलफ्रेड न्यूफेल्ड जीवन, मित्रता, और हमारी वैश्विक कलीसिया को लेकर अत्यंत उत्साही थे। धर्मज्ञानी, पासवान, इतिहासकार, शिक्षक, फोटोग्राफर, संगीत प्रेमी, बहुभाषाविद्, पिता, दादा, पति - जैसे शब्द भी उनका परिचय देते समय कम पड़ने लगते हैं।”

अलफ्रेड का जन्म कॉलोनी फेरन्हेम, पैरागुए में, 23 जुलाई 1955 को पीटर के. न्यूफेल्ड और मारग्रेट फ्रीज़न के घर में हुआ। हाई स्कूल उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने फिलाडेलफिया, पैरागुए में एक प्रायमरी स्कूल में एक अध्यापक के रूप में सेवाएं दी, और फिर याल्वे सांगा, चाको में आदिवासियों के एक स्कूल में पढ़ाया, उसके बाद उन्होंने फ्रेस्नो, कैलिफोर्निया, यूएसए तथा बासेल, स्वीट्ज़रलैण्ड में उच्च शिक्षा आरम्भ किया, और अन्त में थियोलॉजी ऑफ मिशन विषय पर अपनी पीएडी पूरी की।

प्रभु की भेड़ों को चराने का ह्रदय रखने वाले अलफ्रेड ने स्वीट्जरलैण्ड में अपने प्रथम अस्थायी निवास के दौरान युवाओं के पासवान के रूप में, कैलिफोर्निया में एक सहायक पासवान के रूप में, और असनसिओन के इगलेसिया एचएम बर्रियो क्लिनिकास में एक संयुक्त पासवान के रूप में अपनी सेवाएं दी। 1985-2009 तक, वे इग्लेसिया एचएम कोंकोर्डिया, असुनसिओन के पासवानी दल के एक सदस्य थे।

अलफ्रेड ने यूनिवर्सिडाड डेल पैरागुए में 2005 से प्राचार्य के रूप में सेवाएं दी, जहाँ उन्होंने 1995 में प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाओं का आरम्भ किया था, पहले इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज सीइएमटीए में, और फिर 1998-2009 तक एक व्याख्याता के रूप में।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने इन्सटिट्यूओ बिब्लिको असुसिओन (1995-2003) में निदेशक के रूप में, और रेडियो स्टेशन ओबीइडीआईआरए में बोर्ड के सभापति के रूप में अपनी सेवाएं दी (1998-2020)।

एमडब्ल्यूसी के जनरल काँसिल में अपनी सेवाएं देने के बाद, वे मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस के फेथ एण्ड लाइफ कमीशन के अध्यक्ष बने (2008-2018)। उन्होंने अनेक सार्वभौमिक (इक्यूमैनिकल) वार्तालापों में एमडब्ल्यूसी का प्रतिनिधित्व किया, और एमडब्ल्यूसी के विश्व सम्मेलन का आयोजन 2009 में पैरागुए में करने के लिए पैरागुए की सभी मेनोनाइट कलीसियाओं को साथ लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाया। मसीही एकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एमडब्ल्यूसी, लूथरन वर्ल्ड फेडरेशन, और पोन्तिफिकल काँसिल फॉर प्रमोटिंग क्रिश्चन यूनिटी के प्रतिनिधियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता आयोग के सह-अध्यक्ष की भूमिका भी निभाया। वे अपने अन्तिम समय तक एमडब्ल्यूसी रिन्यूवल 2027 समिति के अध्यक्ष बने रहे।

राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय बोर्डों में उन्होंने मेनोनाइट ब्रदरन इन पैरागुए को भी अपनी सेवाएं दी और इन्टरनेशनल काँसिल ऑफ द वर्ल्ड इव्हेंजलिकल अलॉयंस के सदस्य भी रहे।

कुछ ही समय पूर्व, अलफ्रेड ने बिकमिंग ए ग्लोबल कम्युनियन शीर्षक से एमडब्ल्यूसी का इतिहास लिखा। उन्होंने “व्हाट वी बिलिव टूगेदर” नामक पुस्तक भी लिखा, जिसमें एमडब्ल्यूसी के साझा विश्वास को समझाया गया है, और जिसे एक दर्जन से भी अधिक भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। उनके द्वारा बड़ी संख्या में लिखे गए लेखों का प्रकाशन भी हुआ है और अंग्रेजी, स्पेनिश, और जर्मन भाषा के एक वक्ता के रूप में उनकी बड़ी मांग बनी रही।

वे न सिर्फ अकादमिक विद्वता की एक आँधी थे, बल्कि अत्यंत व्यवहार कुशल भी थे। अक्सर उन्हें दूसरों के छोटे बच्चों को गोद में लिए हुए देखा जा सकता था, और सहज ही किसी से भी किसी भी विषय पर बातचीत कर सकते थे चाहे उस व्यक्ति की शिक्षा या पृष्ठभूमि जो भी हो।

वे अपनी पीछे अपनी पत्नी विल्मा एलफ्रिडे केयथलर (विवाह जनवरी 1981) और चार वयस्क बच्चों को छोड़ गए हैं। अस्पताल के सुरक्षात्मक नियमों और उड़ान में प्रतिबन्धों के बाद भी विल्मा और उनके दो बच्चे अलफ्रेड के अन्तिम दिनों में उनके पास रह सके।

 

एमडब्ल्यूसी के अगुवों के वक्तव्य

 

“परिवार, मित्रों, और जीवन के प्रति अलफ्रेड का असीमित प्रेम ऐनाबैपटिस्ट संसार तक और उससे भी पार फैल गया। वे एक वरदान प्राप्त प्रशासक, पासवान, और धर्मज्ञानी थे, उन्हें लम्बे समय तक स्मरण किया जाएगा और उनका स्थान कोई नहीं ले सकता। दीनता और जबर्दस्त हाजिरजवाबी के साथ साथ, वे कलीसिया के प्रति एक दूरदर्शी दर्शन रखते थे, सम्प्रेषण कला में दक्ष थे, और धर्मविज्ञान की गहरी समझ रखते थे।” नेलसन क्रेयबिल, अध्यक्ष

“अलफ्रेड एक असाधारण अगुवा थे। असीमित उर्जा के साथ, वे पवित्रशास्त्र, भजन, धर्मविज्ञान, और कलीसिया इतिहास के प्रति गहरे प्रेम का एक जबर्दस्त मेल कायम रखते थे, उतना ही गहरा प्रेम वे कलीसिया और इस संसार के प्रति भी रखते थे। वैश्विक ऐनाबैपटिस्ट मेनोनाइट कलीसिया ने एक महान और कुशल अगुवा खो दिया है।” जॉन डी रॉथ, फेथ एण्ड लाइफ कमीशन सचिव

“अलफ्रेड ‘आत्मा का एक बल’ थे, वैश्विक कलीसिया के हम सभी सदस्यों के लिए परमेश्वर की उदारता का एक दान थे। मैं इस महान मित्र के लिए परमेश्वर का धन्यवाद देता हूँ, और उनकी कमी हमेशा महसूस करता रहूँगा।” थॉमस आर. योडर न्यूफेल्ड, फेथ एण्ड लाइफ कमीशन सभापति

“सत्य और मेनोनाइट पहचान के प्रति  - विशेष रूप से मेनोनाइट ब्रदरन पहचान के प्रति- और दूसरी अन्य कलीसियाओं को मिले वरदान को स्वीकार करने के प्रति अलफ्रेड के समर्पण ने उनके लिए यह सम्भव बना दिया कि वे त्रिपक्षीय वार्ता में इस तरह से अपना योगदान दे सकें और इसे इस तरह से दिशा सकें कि तीनों पक्षों के साथ साथ वृहद वैश्विक कलीसिया के भी लाभ का कारण बनें।” लैरी मिलर, एमडब्ल्यूसी त्रिपक्षीय वार्ता प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य।

“मैंने अलफ्रेड को एक बहुत ही काबिल अगुवे के रूप में पहचाना है जो नम्र, विलक्षण, सम्बन्धपरक, संसाधनयुक्त, विद्वान लेखक और यीशु मसीह के एक विश्वासयोग्य अनुयायी थे। उन्होंने एक ऐसे समय में प्रभु के विश्राम में प्रवेश किया जब उन्हें न सिर्फ ऐनाबैपटिस्ट समुदाय, बल्कि विश्वास के वैश्विक समुदाय के लिए ज्ञान और बुद्धि की एक खान की भूमिका पूरी करना था। ऐनाबैपटिस्ट विश्वास के समुदाय के रूप में, हम अलफ्रेड की भूमिकाओं और जीवन का हमेशा लाभ उठाते रहेंगे।” रबेका ओसिरो, एमडब्ल्यूसी उपाध्यक्षा।

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